Karmbhoomi by Munshi Premchand
हमारे धनवानों को किसका बल है? पुलिस का। हम पुलिस ही से पूछते हैं, अपने कांस्टेबल भाइयों से हमारा सवाल है, क्या तुम भी गरीब नहीं हो? क्या तुम और तुम्हारे बाल-बच्चे सड़े हुए, अंधेरे, दुर्गंध और रोग से भरे हुए बिलों में नहीं रहते? लेकिन यह जमाने की खूबी है कि तुम अन्याय की रक्षा करने के लिए अपने ही बाल बच्चों का गला घोंटने के लिए तैयार खड़े हो..
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